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मैं दुनिया को बताकर रहूंगा प्रधानमंत्री मोदी का गुजरात मॉडल पर भरोसा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 06 सितंबर को गुजरात में ‘जल संचय जन भागीदारी’ पहल की वर्चुअल शुरुआत की और जल संकट को दूर करने के लिए गुजरात मॉडल पर अपने विश्वास को दोहराया। उन्होंने कहा कि गुजरात में जल प्रबंधन के क्षेत्र में किए गए प्रयासों की सफलता ने उन्हें विश्वास दिलाया है कि यही मॉडल देशभर में जल संकट को समाधान प्रदान कर सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने उल्लेख किया कि उत्तर गुजरात की स्थिति दो दशक पहले बेहद गंभीर थी और पूर्ववर्ती सरकारों में जल प्रबंधन के प्रति दूरदर्शिता का अभाव था। उन्होंने याद किया कि तब उन्होंने यह ठान लिया था कि वे दुनिया को दिखाएंगे कि जल संकट को दूर किया जा सकता है। इस दिशा में, उन्होंने सरदार सरोवर बांध का निर्माण पूरा किया और सौनी योजना की शुरुआत की।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विपक्ष ने इन योजनाओं की प्रभावशीलता पर सवाल उठाए थे, लेकिन आज गुजरात मॉडल की सफलता ने सबको जवाब दे दिया है। उनका अनुभव उन्हें यह विश्वास दिलाता है कि जल संकट का समाधान संभव है और गुजरात की यह सफलता अन्य राज्यों और पूरे देश के लिए एक प्रेरणा बन सकती है।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि वे अपने प्रयासों और गुजरात के मॉडल को दुनिया के सामने लाकर जल संकट के समाधान में एक नई दिशा देने की कोशिश करेंगे।
विनेश फोगट और बजरंग पुनिया कांग्रेस में शामिल
पहलवान विनेश फोगट और बजरंग पुनिया कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए हैं। उन्होंने पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल, पार्टी नेता पवन खेड़ा, हरियाणा कांग्रेस प्रमुख उदय भान और हरियाणा के एआईसीसी प्रभारी दीपक बाबरिया की उपस्थिति में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की।
यह कदम कांग्रेस पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक सगाई का संकेत है, जिसमें खेल जगत की प्रमुख हस्तियों ने पार्टी में शामिल होकर एक नया पहलू जोड़ा है। विनेश फोगट और बजरंग पुनिया की पार्टी में शामिल होने से कांग्रेस को न केवल खेल क्षेत्र में, बल्कि जनता के बीच भी नई ऊर्जा और समर्थन मिलने की उम्मीद है।
यह घटनाक्रम कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है, जिसमें पार्टी विभिन्न क्षेत्रों से प्रभावशाली व्यक्तियों को अपने पक्ष में लाकर अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करना चाहती है।
व्हाइट हाउस ने भारत चुनावों में अमेरिकी हस्तक्षेप के रूसी दावों को “हास्यास्पद” बताया
08 मई, 2024 को रूस ने संयुक्त राज्य अमेरिका पर भारत के चल रहे आम चुनावों को जटिल बनाने का आरोप लगाया। रूसी विदेश मंत्रालय ने आरोप लगाया कि वाशिंगटन भारत में आंतरिक राजनीतिक स्थिति को असंतुलित करने के प्रयास में लगा हुआ है, और उसने कहा कि अमेरिका चुनावों के बीच हस्तक्षेप कर रहा है।
रूसी दावों के बाद, व्हाइट हाउस ने प्रतिक्रिया देते हुए इन आरोपों को “हास्यास्पद” और अस्वीकार्य बताया। व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अमेरिका का भारत के चुनावों में कोई हस्तक्षेप नहीं है और यह आरोप पूरी तरह से आधारहीन हैं। किर्बी ने स्पष्ट किया कि अमेरिका भारत की संप्रभुता और स्वतंत्रता का सम्मान करता है और किसी भी देश के चुनावी मामलों में हस्तक्षेप करने का इरादा नहीं रखता।
रूसी आरोपों को खारिज करते हुए किर्बी ने कहा कि अमेरिका और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंध मजबूत और पारदर्शी हैं, और दोनों देशों के बीच सहयोग किसी भी प्रकार की बाहरी राजनीतिक गतिविधियों से प्रभावित नहीं होता। इस स्थिति ने अमेरिकी और भारतीय अधिकारियों के बीच किसी भी संभावित तनाव को भी स्पष्ट किया और यह पुष्टि की कि अमेरिका का विदेश नीति के संदर्भ में कोई भी असामान्य या अनुचित प्रयास नहीं है।
यूपी के बहराइच में आदमखोर भेड़ियों का आतंक जारी: 12 वर्षीय बच्चा बना नया शिकार
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में आदमखोर भेड़ियों का आतंक खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। हाल के महीनों में बहराइच में आदमखोर भेड़ियों के हमलों की एक श्रृंखला देखने को मिली है। इन भेड़ियों ने स्थानीय लोगों के बीच भय और चिंता का माहौल पैदा कर दिया है।
‘ऑपरेशन भेड़िया’ के तहत शुरू की गई कार्रवाई के बावजूद, बहराइच में अभी भी दो आदमखोर भेड़िये खुलेआम घूम रहे हैं। इन भेड़ियों के हमलों ने लोगों की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है। ताजा घटना में, एक 12 वर्षीय बच्चा आदमखोर भेड़ियों का शिकार बन गया। यह हमला तब हुआ जब बच्चा और उसकी बहन पानी लेने के लिए बाहर गए थे। हालांकि, बच्चे को बचा लिया गया है और वह अब खतरे से बाहर है।
उत्तर प्रदेश पुलिस और वन विभाग ने भेड़ियों को पकड़ने के लिए सभी उपलब्ध संसाधनों का उपयोग किया है। इसके पूर्व, ‘ऑपरेशन भेड़िया’ के तहत यूपी पुलिस और वन विभाग ने बहराइच में चार आदमखोर भेड़ियों को सफलतापूर्वक पकड़ा था। बावजूद इसके, बहराइच के करीब के इलाकों में भेड़ियों ने नए शिकार की तलाश शुरू कर दी है, जिससे तनाव बढ़ गया है।
स्थानीय प्रशासन और वन विभाग की टीमों की पूरी कोशिश है कि इन आदमखोर भेड़ियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए ताकि क्षेत्रवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे सावधान रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत प्रशासन को दें।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विज्ञान भवन में शिक्षक दिवस पर राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 05 सितंबर को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2024 प्रदान किए। इस अवसर पर राष्ट्रपति मुर्मू ने 82 चयनित पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया। राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार का उद्देश्य देश में शिक्षकों के अद्वितीय योगदान को मान्यता देना और उनकी सराहना करना है।
इन पुरस्कारों के माध्यम से, उन शिक्षकों को सम्मानित किया गया है जिन्होंने अपनी गहरी प्रतिबद्धता और समर्पण के साथ न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है, बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी समृद्ध बनाया है। राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में शिक्षकों की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए उनके कठिन परिश्रम और समर्पण की सराहना की।
पुरस्कार समारोह के दौरान, राष्ट्रपति ने उन शिक्षकों की सराहना की जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और उत्कृष्टता का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि ये शिक्षक समाज के प्रेरणास्त्रोत हैं और उनके प्रयासों से शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन आया है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने इस अवसर पर शिक्षकों को भविष्य के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और नवाचार निरंतर चलते रहना चाहिए ताकि सभी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।
यह पुरस्कार समारोह न केवल शिक्षकों की मेहनत को मान्यता देता है बल्कि शिक्षा के प्रति समाज के दृष्टिकोण को भी बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस तरह के सम्मान शिक्षकों को प्रेरित करते हैं और शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंगापुर यात्रा पूरी की, भारत के लिए रवाना हुए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 05 सितंबर को अपनी सिंगापुर यात्रा पूरी की और भारत के लिए रवाना हो गए। अपनी इस यात्रा के दौरान, पीएम मोदी ने सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन शानमुगरत्नम, प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग, वरिष्ठ मंत्री ली ह्सियन लूंग और एमेरिटस वरिष्ठ मंत्री गोह चोक टोंग से महत्वपूर्ण मुलाकातें कीं। इन बैठकों में भारत और सिंगापुर के बीच द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ करने और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई।
यात्रा के दौरान, कई महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए, जो दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग को नई दिशा देंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने सिंगापुर के जीवंत व्यापारिक समुदाय के नेताओं से भी मुलाकात की, जिससे भारत और सिंगापुर के आर्थिक संबंधों को और मजबूती मिली।
यह यात्रा भारत और सिंगापुर के मंत्रिस्तरीय गोलमेज बैठक के कुछ ही दिनों बाद हो रही है। 26 अगस्त को आयोजित इस बैठक में, भारत के चार केंद्रीय मंत्रियों और सिंगापुर के छह मंत्रियों ने भाग लिया था। बैठक में डिजिटलीकरण, कौशल विकास, स्थिरता, स्वास्थ्य, उन्नत विनिर्माण और कनेक्टिविटी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान की गई और इन पर विचार विमर्श किया गया।
प्रधानमंत्री मोदी की सिंगापुर यात्रा ने दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और सशक्त बनाने का मार्ग प्रशस्त किया है और आने वाले दिनों में इस सहयोग के सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
नेपाल: इंडिगो ने काठमांडू के त्रिभुवन हवाई अड्डे के लिए आरएनपी एआर उड़ान प्रक्रिया अपनाई
इंडिगो एयरलाइंस ने काठमांडू में परिचालन के लिए आवश्यक नेविगेशन प्रदर्शन प्राधिकरण (आरएनपी एआर) उड़ान प्रक्रिया को अपनाने वाली पहली भारतीय वाहक बनकर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। यह प्रक्रिया त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सुरक्षित और अधिक कुशल लैंडिंग की सुविधा प्रदान करती है, जो हिमालय से घिरी घाटी में स्थित है।
आरएनपी एआर तकनीक विशेष रूप से भौगोलिक रूप से चुनौतीपूर्ण और उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों के लिए डिज़ाइन की गई है। त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के टेबल-टॉप रनवे और आसपास के कठिन इलाके के चलते पायलटों को टेक-ऑफ और लैंडिंग के दौरान अतिरिक्त सावधानी बरतनी पड़ती है। इस तकनीक के उपयोग से इन चुनौतियों को अधिक प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है।
इंडिगो में प्रशिक्षण प्रमुख कैप्टन राजीव सिंह ने बताया कि इंडिगो भारतीय वाहक कंपनियों में काठमांडू के लिए उड़ान भरने वाली पहली कंपनी है जो आरएनपी एआर उड़ान प्रक्रिया को अपनाई है। इस प्रक्रिया को अपनाने से न केवल सुरक्षा में सुधार होगा, बल्कि यह हवाई यात्रा को भी अधिक कुशल बनाएगा।
उल्लेखनीय है कि भारत के नागरिक उड्डयन महानिदेशालय की कैप्टन श्वेता सिंह और सीमा झामनानी, नेपाल के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण की कैप्टन शैलजा मुननकर्मी और अन्य अधिकारी इस प्रणाली की सत्यापन उड़ान में शामिल हुए थे। इस नई प्रणाली के साथ, पारंपरिक उड़ान प्रक्रियाओं की तुलना में सुरक्षा के बारे में अधिक आश्वासन प्रदान किया जा सकता है, जो लंबे समय से प्रचलन में हैं।
सिंगापुर में पीएम मोदी की व्यस्त यात्रा का विवरण: लॉरेंस वोंग से मुलाकात और व्यापारिक केंद्रों का दौरा
04 सितंबर को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सिंगापुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘व्यस्त कार्यक्रम’ का विस्तृत विवरण साझा किया। प्रवक्ता ने सोशल मीडिया पर इस यात्रा की जानकारी दी, जिसमें पीएम मोदी के कार्यक्रम के विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं का उल्लेख किया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी सिंगापुर के अपने दौरे के दौरान एक अत्यंत व्यस्त शेड्यूल का पालन करेंगे। उनका कार्यक्रम सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग से मुलाकात के साथ शुरू होगा। यह बैठक द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने और दोनों देशों के बीच सहयोग के नए अवसरों पर चर्चा करने का एक महत्वपूर्ण मौका होगी। इस मुलाकात के दौरान, पीएम मोदी और प्रधानमंत्री वोंग विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने, जैसे कि व्यापार, निवेश, और तकनीकी नवाचार पर विचार करेंगे।
इसके अलावा, पीएम मोदी सिंगापुर के राष्ट्रपति और अन्य महत्वपूर्ण नेताओं से भी मुलाकात करेंगे। उनकी यात्रा के दौरान, सिंगापुर में भारतीय समुदाय के सदस्यों के साथ संवाद करने और उनकी समस्याओं को सुनने का भी कार्यक्रम है। इसके साथ ही, प्रधानमंत्री मोदी सिंगापुर के प्रमुख व्यापारिक और औद्योगिक केंद्रों का दौरा करेंगे, जहां वे व्यापारिक प्रतिनिधियों और उद्योगपतियों से मुलाकात करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा का उद्देश्य भारत और सिंगापुर के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करना है, साथ ही दोनों देशों के बीच व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देना है। इस यात्रा के दौरान, दोनों देशों के बीच कई समझौतों और घोषणाओं की उम्मीद की जा रही है, जो भविष्य में द्विपक्षीय संबंधों को एक नई ऊंचाई पर ले जाने में सहायक होंगे।
यात्रा के समापन पर, पीएम मोदी एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करेंगे, जिसमें वे सिंगापुर में भारत की भूमिका और द्विपक्षीय संबंधों के महत्व पर प्रकाश डालेंगे। यह यात्रा भारत और सिंगापुर के बीच सहयोग की नई संभावनाओं की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
पूर्वोत्तर में शांति के लिए भारत सरकार, त्रिपुरा सरकार, एनएलएफटी और एटीटीएफ के बीच समझौता ज्ञापन
भारत सरकार, त्रिपुरा सरकार, नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स (एटीटीएफ) के बीच शांति और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस समझौते पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा और अन्य प्रमुख अधिकारियों की उपस्थिति में गृह मंत्रालय में हस्ताक्षर किए गए।
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के बाद, गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “यह हम सभी के लिए खुशी की बात है कि 35 वर्षों से चल रहे संघर्ष के बाद, आप हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हुए हैं और पूरे त्रिपुरा के विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि जब से पीएम मोदी देश के प्रधानमंत्री बने हैं, उन्होंने शांति और संवाद के माध्यम से एक सक्षम और विकसित पूर्वोत्तर का विजन पेश किया है।
अमित शाह ने यह भी उल्लेख किया कि पीएम मोदी ने पूर्वोत्तर के लोगों और दिल्ली के बीच की दूरी को न केवल सड़क, रेल और हवाई संपर्क के माध्यम से समाप्त किया, बल्कि लोगों के दिलों के बीच की दूरी को भी मिटाया है। इस समझौते के माध्यम से, क्षेत्र में स्थिरता और विकास को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।
भोपाल के स्कूल छात्रों ने खराब व्यवस्था पर विरोध में पंखे और खिड़कियां तोड़ी
भोपाल के सरकारी स्कूल के छात्रों ने स्कूल परिसर में खराब व्यवस्थाओं के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों ने शिकायत की कि उन्हें अत्यंत खराब स्थिति में रखा गया है, और उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें गैर-उचित काम जैसे डायपर साफ करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
प्रदर्शनकारी छात्रों ने गुस्से में आकर पंखे और खिड़कियां तोड़ दीं, जिससे स्कूल में स्थिति और गंभीर हो गई। इस विरोध प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए शिक्षक और पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। पुलिस ने छात्रों को तितर-बितर करने के लिए कार्रवाई की और स्कूल परिसर में शांति बहाल करने की कोशिश की।
छात्रों का यह विरोध प्रदर्शन स्कूल प्रबंधन द्वारा की जा रही उपेक्षा और अव्यवस्थाओं के प्रति उनकी निराशा को दर्शाता है।