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The whole neighbourhood is a puzzle… Jaishankar explains India's complex foreign relations
पूरा पड़ोस एक पहेली है…जयशंकर ने भारत के जटिल विदेश संबंधों को समझाया

 

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने 30 अगस्त को विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन में आयोजित ‘स्ट्रैटेजिक कॉनड्रम्स: रीशेपिंग इंडियाज फॉरेन पॉलिसी’ पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के दौरान भारत के जटिल पड़ोसी संबंधों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर, उन्होंने मुस्कुराते हुए टिप्पणी की कि “पूरा पड़ोस एक पहेली है,” जो भारतीय विदेश नीति की जटिलताओं को दर्शाता है।

जयशंकर ने विस्तार से समझाया कि भारत का पड़ोसी क्षेत्र विभिन्न राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा चुनौतियों से भरा हुआ है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन जटिल परिस्थितियों में भारत को अपने हितों की रक्षा के लिए सावधानीपूर्वक रणनीति अपनानी होती है। विदेश मंत्री ने बताया कि प्रत्येक पड़ोसी देश के साथ संबंधों में अलग-अलग समस्याएं और संभावनाएं होती हैं, जिनका समाधान करना एक निरंतर चुनौती है।

उनका कहना था कि इन चुनौतियों का सामना करते हुए भारत को अपनी विदेश नीति को समायोजित करना और परिष्कृत करना पड़ता है, ताकि देश की सुरक्षा, आर्थिक विकास और क्षेत्रीय स्थिरता सुनिश्चित की जा सके। जयशंकर ने यह भी कहा कि भारत को अपने पड़ोसी देशों के साथ सहयोग और संवाद को मजबूत करना होगा, ताकि सभी के लिए लाभकारी संबंध बनाए जा सकें।

Jaishankar expressed concern over political changes in Bangladesh
जयशंकर ने बांग्लादेश के राजनीतिक बदलावों पर चिंता जताई

 

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में बांग्लादेश में हो रहे विघटनकारी राजनीतिक बदलावों की ओर संकेत दिया है। उनका कहना था कि बांग्लादेश में राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं, जो कि विघटनकारी हो सकते हैं। जयशंकर ने इस बात को स्वीकार किया कि बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिरता को लेकर कुछ चिंताएं हैं और वहां की स्थिति पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि इन बदलावों के बावजूद दोनों देशों के बीच रिश्तों में पारस्परिक हितों की महत्वपूर्णता को समझना और ध्यान में रखना होगा। उनका मानना है कि चाहे राजनीतिक स्थिति कैसी भी हो, दोनों देशों के बीच सहयोग और समझौते के लिए प्रयास जारी रखने की आवश्यकता है। यह भी महत्वपूर्ण है कि बांग्लादेश में हो रहे बदलावों का प्रभाव भारत-बांग्लादेश रिश्तों पर न पड़े और दोनों देशों के हितों की रक्षा की जा सके। जयशंकर के इस बयान से स्पष्ट होता है कि वे बांग्लादेश में हो रहे राजनीतिक परिवर्तनों के प्रति सजग हैं और दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत बनाए रखने की दिशा में काम कर रहे हैं।