
जग्गा – पंजाबी संगीत के उभरते सितारे
हाल ही में एक संगीत रहस्योद्घाटन में, जग्गा ने पहले आधिकारिक संगीत वीडियो और 132, एटीटी, ओथारी, लेटनाइट और लाल सहित सिंगल ट्रैक्स के संग्रह के साथ भरू ट्रैक का अनावरण किया। विभिन्न प्लेटफार्मों पर तेजी से अपनी जगह बनाते हुए, ये ट्रैक संगीत प्रेमियों को जग्गा की संगीत प्रतिभा के सौजन्य से, स्वाद लेने और आनंद लेने के लिए पंजाबी रैप की एक विविध श्रृंखला प्रदान करते हैं।
पंजाबी रैप संगीत, जिसे अब संगीत उद्योग में एक गतिशील शक्ति के रूप में पहचाना जाता है, रैप के मजबूत और मुखर प्रवाह के साथ पंजाबी संगीत की उत्साही धुनों को सहजता से मिश्रित करता है। इस संलयन ने एक संगीत परिदृश्य को जन्म दिया है जो व्यापक रूप से गूंजता है, विविध दर्शकों को लय में डूबने और ताल पर थिरकने के लिए प्रेरित करता है।
पंजाबी रैप संगीत की जड़ें भारत के पंजाब की सांस्कृतिक रूप से समृद्ध विरासत में गहराई तक फैली हुई हैं। यह पंजाबी लोक संगीत की पारंपरिक ध्वनियों को रैप के समकालीन तत्वों के साथ कुशलता से मिलाता है, जिससे एक विशिष्ट और आकर्षक श्रवण अनुभव बनता है। इस शैली की लोकप्रियता का श्रेय, कम से कम कुछ हद तक, अपने श्रोताओं के साथ व्यक्तिगत संबंध बनाने की इसकी जन्मजात क्षमता को दिया जा सकता है। गीत अक्सर पंजाबी युवाओं के अनुभवों, चुनौतियों और आकांक्षाओं को दर्शाते हैं। चाहे प्यार, दोस्ती, या सामाजिक चिंताओं के विषयों पर केंद्रित हो, पंजाबी रैप कलाकार भावनाओं और कहानियों को व्यक्त करने में एक अद्वितीय कौशल का प्रदर्शन करते हैं जो उनके दर्शकों के साथ गहराई से जुड़ते हैं।
पंजाबी रैप संगीत में निहित धुनें अनूठे रूप से संक्रामक हैं और उच्च ऊर्जा के साथ स्पंदित होती हैं, जिससे किसी के लिए भी डांस फ्लोर की पुकार का विरोध करना लगभग असंभव हो जाता है। समकालीन हिप-हॉप बीट्स के साथ ढोल और तुम्बी जैसे पारंपरिक पंजाबी वाद्ययंत्रों का मिश्रण एक गतिशील ध्वनि उत्पन्न करता है जो किसी भी पार्टी में जोश भरने में सक्षम है।
पंजाबी रैप संगीत कलाकारों के लिए एक उर्वर रचनात्मक भूमि के रूप में विकसित हुआ है, जो उन्हें खुद को बेबाकी से व्यक्त करने और पारंपरिक संगीत मानदंडों की सीमाओं को आगे बढ़ाने की आजादी देता है। इस शैली के कलाकार लगातार विविध शैलियों के साथ प्रयोग करते हैं, साथियों के साथ सहयोग में संलग्न होते हैं, और विभिन्न संगीत शैलियों के तत्वों को सहजता से शामिल करते हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि पंजाबी रैप हमेशा ताजा, अभिनव और उत्साहजनक बना रहे।
हालाँकि, आलोचकों ने कुछ पंजाबी रैप गानों के बारे में चिंता जताई है जो भौतिकवाद और महिलाओं के वस्तुकरण का प्रचार करते प्रतीत होते हैं। कुछ ट्रैक में स्पष्ट सामग्री के अस्तित्व को स्वीकार करते समय, किसी भी अन्य शैली के समान, पंजाबी रैप के भीतर विविधता को पहचानना महत्वपूर्ण है। कई कलाकार सामाजिक मुद्दों को संबोधित करने, सकारात्मकता का प्रचार करने और अपने दर्शकों को सकारात्मक कार्रवाई के लिए प्रेरित करने के लिए अपने मंच का लाभ उठाते हैं।
संक्षेप में, पंजाबी रैप संगीत एक मजबूत और जीवंत शैली के रूप में खड़ा है जिसने न केवल दुनिया भर के दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया है बल्कि उनके दिलों में भी जगह बना ली है। यह संगीत शैली पंजाबी लोक संगीत और रैप के मिश्रण का प्रतिनिधित्व करती है, जिसके परिणामस्वरूप एक विशिष्ट ध्वनि उत्पन्न होती है जो पंजाब की समृद्ध सांस्कृतिक टेपेस्ट्री को श्रद्धांजलि देती है। अपनी बेहद आकर्षक बीट्स और संबंधित गीतों के साथ, पंजाबी रैप संगीत अपनी जगह बनाना जारी रखता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि दुनिया भर के दर्शक केवल निष्क्रिय श्रोता नहीं बल्कि सक्रिय भागीदार हैं, जो इस शैली को परिभाषित करने वाली धुनों पर थिरकते हैं। जग्गा की हालिया रिलीज ने इस शैली की स्थिति को और मजबूत कर दिया है, जिसमें ऐसे ट्रैक का मिश्रण पेश किया गया है जो पंजाबी रैप के विविध पहलुओं को प्रदर्शित करता है, ऊर्जावान बीट्स से लेकर विचारोत्तेजक कथाओं तक। जैसे-जैसे शैली विकसित हो रही है, जग्गा और अन्य कलाकार पंजाबी रैप की गतिशील और लगातार बढ़ती दुनिया में योगदान देते हैं, दर्शकों को मंत्रमुग्ध करते हैं और वैश्विक संगीत परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ते हैं।
Link: https://youtube.com/@Jaggaworldwide?si=8JQ4ykUvniczdGDx

नवी मुम्बई मैथिल ट्रस्ट के तत्वावधान में ” नूनरोटी” प्रीमियर शो
नवी मुम्बई मैथिल ट्रस्ट के मुरारी ठाकुर , वरिष्ठ समाज सेवीशुभचंद्र मिश्रा,श्री जय नारायण झा ,”नूनरोटी” मैथिली वेबसीरीज के निर्माता– निर्देशक श्विकास झा , रौशनी झाऔर कलाकार आदर्श भारद्वाज साथ में वरिष्ठ साउंड इंजीनियर श्री शंकर सिंह जी
नवी मुम्बई मैथिल ट्रस्ट की स्थापना, नवी मुम्बई के प्रवासी मैथिलों को सामाजिक और सांस्कृतिक रुप से जोड़े रखने के लिये आज से एक दशक पूर्व खारघर के सेंट्रल पार्क में हुई थी और अपनी स्थापना के बाद से ही नवी मुम्बई मैथिल ट्रस्ट विंभिन्न प्रकार के सामाजिक व सांस्कृतिक गतिविधियां करती आ रही है।
नवी मुम्बई मैथिल ट्रस्ट के तत्वावधान में, पहले मैथिली वेबसीरीज ” नूनरोटी” का सशुल्क प्रीमियर शो, नवी मुम्बई के जुईनगर स्थित बन्ट्स सेन्टर ऑडिटोरियम में बड़े उत्साह और उल्लास के साथ दिनांक १४ जनवरी २०२४ रविवार को आयोजित हुआ।
इस कार्यक्रम में मैथिली वेबसीरीज “नूनरोटी” के आठो एपीसोड के साथ-साथ, मैथिली भाषा-संस्कृति पर व्याख्यान, बच्चों के बीच मैथिली शब्दों को लेकर प्रश्नोत्तरी आदि की प्रस्तुति हुई। शो की शुरुआत पारंपरिक मैथिली भगवती गीत “जय जय भैरवी” की प्रस्तुति से हुई, जिसमें मिथिला की लोकप्रिय गायिका शारदा सिन्हा जी द्वारा गाए गीत पर मिथिला की बेटी गौरांगी चौधरी द्वारा भावपूर्ण भरतनाट्यम नृत्य प्रस्तुत किया गया। बताते चलें कि गौरांगी, मिथिला के अमर शहीद सतीश चंद्र झा, जो कि बिहार सचिवालय पर झंडा फहराने वाले 7 शहीदों में से एक थे, के बांका जिलान्तर्गत “खरहड़ा” गाँव की मूल निवासी हैं और मुम्बई में रहती हैं।
इस कार्यक्रम का आयोजन आम मैथिल लोगों की जन सहभागिता से हुआ था और दर्शकों के लिए प्रवेश शुल्क रू 500/- रखा गया था। ज्ञात हो, नूनरोटी मैथिली वेबसीरीज के निर्माण भी कुछ हद तक क्राउड फंडिंग से हुआ है। आम मैथिलों के सहयोग से किसी फिल्म आदि शो के इतने भव्य आयोजन का ये पहला अवसर था जो अपने आप में एतिहासिक है। दर्शकों से खचाखच भरे ऑडीटोरियम में मिथिलावासियों का उत्साह और उमंग चरमसीमा पर था ।
ज्ञातव्य हो कि नवी मुम्बई मैथिल ट्रस्ट की स्थापना, नवी मुम्बई के प्रवासी मैथिलों को सामाजिक और सांस्कृतिक रुप से जोड़े रखने के लिये आज से एक दशक पूर्व खारघर के सेंट्रल पार्क में हुई थी और अपनी स्थापना के बाद से ही नवी मुम्बई मैथिल ट्रस्ट विंभिन्न प्रकार के सामाजिक व सांस्कृतिक गतिविधियां करती आ रही है। मिथिलांचल एक सांस्कृतिक समृद्धि और भाषा से समृद्ध प्रदेश है,जो पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में स्थित है। मैथिली भाषा एक भारतीय भाषा है जो प्रमाणपत्र में भी लिखी जाती है और इसे मैथिली भाषा कहा जाता है। मुख्य रूप से यह बिहार राज्य के मध्य और पूर्वी भाग, नेपाल के तराई क्षेत्र, और बंगलादेश के पूर्वी हिस्से में बोली जाती है।मैथिल साहित्य, कला, संस्कृति, और परंपराएं बहुत धार्मिक और सामाजिक पृष्ठभूमियों पर आधारित हैं। मैथिल लोगों की अपनी विशेष संस्कृति, पर्व-त्योहार और उनका खाद्य पदार्थ भी प्रमुख हैं। नवी मुंबई मैथिल ट्रस्ट सामाजिक पहलुओं को बनाए रखने के लिए कई अपनी भाषा, साहित्य और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा और समृद्धि के लिए काम करते हैं। इनमें से कुछ अपने क्षेत्र में शिक्षा, साहित्य, व्यापार और कला के क्षेत्र में कार्यरत हैं।
“नूनरोटी” मैथिली वेबसीरीज के प्रीमियर शो के अवसर पर नवी मुम्बई मैथिल ट्रस्ट के पदाधिकारीगण जिन्होंने इस कार्यक्रम की सफलता में सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, में कृष्णकांत झा, राजन झा और मुरारी ठाकुर के साथ-साथ वरिष्ठ समाज सेवी शुभचंद्र मिश्रा , जय नारायण झा , प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ अनीश ठाकुर , “नूनरोटी” मैथिली वेबसीरीज के निर्माता- निर्देशक विकास झा , रौशनी झा और कलाकार आदर्श भारद्वाज साथ में वरिष्ठ साउंड इंजीनियर शंकर सिंह उपस्थित रहे।

उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती ‘eVidya’ की ‘Encounter Series’ ने लहराया परचम
शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी एवं ‘नेशनल अवार्ड विजेता रहे विद्या प्रकाशन के प्रबन्ध निदेशक श्री सौरभ जैन जी और चीफ टेक्निकल ऑफिसर (सी.टी.ओ.) डॉ. रोहित खोखर जी ने प्रेस के साथ हुई एक वार्ता में बताया कि विद्या प्रकाशन की कॉम्पिटीशन विंग ‘eVidya’ की टीम ने हाल ही में उत्तर प्रदेश पुलिस में 60,244 पदों के लिए निकली कांस्टेबल की सीधी भर्ती की लिखित परीक्षा में सफलता प्राप्त करने हेतु उत्कृष्ट Books की एक ‘Encounter Series‘ बनाई है जिसमें कुल 9 Books हैं। इन Books को मार्केट में बहुत सराहा जा रहा है। परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों एवं कोचिंग संस्थानों से प्राप्त फीडबैक के अनुसार इन सभी Books में संकलित प्रश्न पुलिस भर्ती बोर्ड द्वारा जारी पाठ्यक्रम के अनुरूप हैं साथ ही सभी पाठ्य-सामग्री करेंट अफेयर्स सहित अप-टू-डेट व परीक्षोपयोगी है।
‘Encounter Series‘ की सभी 9 Books के नाम इस प्रकार हैं-
- कांस्टेबल भर्ती परीक्षा – स्टडी गाइड
- कांस्टेबल भर्ती परीक्षा – 10 सॉल्वड पेपर्स
- कांस्टेबल भर्ती परीक्षा – 15 प्रैक्टिस सेट्स
- कांस्टेबल भर्ती परीक्षा – 25 प्रैक्टिस सेट्स – सामान्य हिन्दी
- कांस्टेबल भर्ती परीक्षा – 25 प्रैक्टिस सेट्स – सामान्य ज्ञान
- कांस्टेबल भर्ती परीक्षा – 25 प्रैक्टिस सेट्स – संख्यात्मक एवं मानसिक योग्यता
- कांस्टेबल भर्ती परीक्षा – 25 प्रैक्टिस सेट्स – मानसिक अभिरुचि, बुद्धिलब्धि एवं तार्किक क्षमता
- कांस्टेबल भर्ती परीक्षा – 15 सैम्पल पेपर्स (वोल्यूम – I)
- कांस्टेबल भर्ती परीक्षा – 15 सैम्पल पेपर्स (वोल्यूम – II)
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उपर्युक्त Books के अतिरिक्त Constable भर्ती परीक्षा हेतु एक पुस्तक ‘उत्तर प्रदेश सामान्य ज्ञान 2024 ‘ भी काफी चर्चा में है। इसमें निहित वन लाइनर फैक्ट्स अत्यंत महत्त्वपूर्ण एवं परीक्षा की दृष्टि से बहुत उपयोगी हैं। यद्यपि यह ‘Encounter Series‘ की पुस्तक से भिन्न है, किन्तु UP Police Constable भर्ती परीक्षा में उत्तर प्रदेश राज्य से संबंधित पूछे जाने वाले प्रश्न इस पुस्तक में दिए गए तथ्यों से अधिकाधिक मेल खाते हैं। विगत वर्षों की पुलिस परीक्षाओं में इस पुस्तक से कई प्रश्न हू-ब-हू डाटा के साथ मैच हुए हैं। मार्केट में ‘Encounter Series‘ नाम से चर्चित सभी Books की विशेषताएँ इस प्रकार हैं–
- पुस्तकों की पाठ्य-सामग्री एवं प्रश्न अभ्यास को हाल ही में जारी विज्ञापन के अनुसार संकलित किया गया है।
- पुस्तकों में यथास्थान एवं विषय के अनुसार अपडेटेड करेंट अफेयर्स के परीक्षोपयोगी तथ्य व प्रश्न शामिल किए गए वर्तमान में पूछे जा रहे नए ट्रेण्ड के प्रश्न सीरीज की प्रत्येक पुस्तक में शामिल किए गए हैं।
- UP Police Constable की परीक्षा का विगत वर्षों का प्रश्न संख्या – पैटर्न (37-38 प्रश्न) का पूर्णत: पालन किया गया है। अनिवार्य रूप से पूछे जाने वाले पुरस्कार संबंधी प्रश्नों को विशेष रूप से अपडेटेड करके दिया गया है।
- रीजनिंग व गणित के प्रश्न हू-ब-हू वास्तविक प्रश्न-पत्र की भाँति दिए गए हैं, साथ ही इनकी त्रुटि रहित एवं उच्चकोटि की व्याख्याएँ मार्केट में सराही जा रही हैं।
- संख्यात्मक एवं मानसिक योग्यता परीक्षा, सामान्य हिन्दी, सामान्य ज्ञान एवं मानसिक अभिरुचि, बुद्धिलब्धि/तार्किक क्षमता के 25-25 प्रैक्टिस सेट्स की पुस्तकों में प्रत्येक के आरम्भ में समग्र अध्यायों का संक्षिप्त परिचय ‘गागर में सागर’ का परिचायक रहा है जो बखूबी सराहा जा रहा है।
- 15 सैम्पल पेपर्स (वोल्यूम I व II) की माँग मार्केट में इतनी तीव्र गति से बढ़ रही है कि प्रत्येक तीसरे दिन इसके ऑर्डर शॉर्ट हो जाते हैं। अत: इनकी भारी माँग के चलते छपने वाली प्रतियों की संख्या में वृद्धि कर दी गई है।
‘Encounter Series‘ एवं उत्तर प्रदेश सामान्य ज्ञान (वन लाइनर फैक्ट्स) के अतिरिक्त
‘eVidya’ की अन्य 2 Books ‘उत्तर प्रदेश पुलिस उपनिरीक्षक एस. आई./ए.एस. आई. भर्ती परीक्षा 2024 तथा उत्तर प्रदेश पुलिस कम्प्यूटर ऑपरेटर (ग्रेड ए) भर्ती परीक्षा 2024 की माँग भी दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। इन दोनों पुस्तकों की अद्वितीय विशेषताएँ इस प्रकार हैं-
- सम्पूर्ण प्रैक्टिस सेट्स/पेपर्स यूपीपीआरपीबी द्वारा जारी पाठ्यक्रम 2024 पर आधारित हैं।
- विगत पाँच-छ: माह के करेण्ट अफेयर्स के प्रश्नों का सामावेश किया गया है जोकि जनवरी, 2024 तक अपडेटेड हैं।
- कम्प्यूटर विज्ञान की उत्कृष्ट व्याख्याएँ अति महत्त्वपूर्ण एवं उच्च कोटि की हैं।
- सभी विषयों के प्रश्नों में वर्तमान परीक्षा – ट्रेण्ड को ध्यान में रखा गया है।
- इन Books की एक अद्वितीय विशेषता- इनमें IPC/CrPC की नयी धाराओं को सम्मिलित करना है जो हाल ही (2023) में भारत सरकार के गजट में प्रकाशित किया गया है।
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आरएके सेरामिक्स: भारत में उच्चतम भरोसे का प्रतीक, अब बना अयोध्या राम मंदिर का हिस्सा – एक सतत विरासत
मुंबई, आरएके सेरामिक्स का भारत भर में प्रतिष्ठित परियोजनाओं के साथ साझेदारी करने का एक लंबा इतिहास रहा है, जिसमें काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर, यूपी पीडब्ल्यूडी परियोजना, लखनऊ, चेन्नई, बेंगलुरु और दिल्ली के हवाई अड्डे, कानपुर, तिरुपति और पटना जैसे प्रमुख आईआईटी, एम्स जैसे मेडिकल कॉलेज और बीएचयू, इसरो व एनटीपीसी समेत अन्य प्रमुख परियोजनाएं शामिल हैं। हालाँकि, राम मंदिर परियोजना इन सब में सर्वाधिक भव्य है। यह परियोजना भारतीय उपभोक्ताओं और आरएके सेरामिक्स के बीच संबंधों को मजबूती देते हुए उत्कृष्टता और निरंतर गुणवत्ता के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता दर्शाती है। आरएके सेरामिक्स के पास आंध्र प्रदेश के समालकोट में एक अत्याधुनिक विनिर्माण केंद्र है, जिसमें प्रतिदिन 30,000 वर्ग मीटर विट्रीफाइड टाइल्स और 3000 पीस सैनेटरी वेयर का उत्पादन होता है। गुजरात के मोरबी में कंपनी के दो संयुक्त उद्यम संयंत्र भी हैं, जिनका भारत के विकास की कहानी में अहम योगदान रहा है।
इस विषय में आरएके सेरामिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ, अनिल बीजावत ने कहा, “हर साल वैश्विक स्तर पर हजारों परियोजनाओं में हमारे उत्पादों का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन यह प्रतिष्ठित परियोजना उन सबसे अलग और विशेष है।भारत के लोगों के सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक जीवन से जुड़ी एक परियोजना से जुड़ना आरएके सेरामिक्स के लिए बड़े गर्व की बात है।”
परियोजना के हिस्से के रूप में, राम मंदिर परिसर के विभिन्न प्रमुख क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसमें तीर्थयात्री सुविधा केंद्र, फायर पोस्ट, तीर्थयात्री शौचालय, मुख्य रिसीविंग सबस्टेशन, स्टाफ लॉकर पुरुष/महिला, वेटिंग हॉल और यूपीएस रूम्स समेत अन्य शामिल हैं। ये वो स्थान हैं, जहाँ हर साल लाखों आगंतुक आएंगे। इस परियोजना में उत्पादों की सर्वोत्तम गुणवत्ता की माँग की गई थी और यहीं पर आरएके सेरामिक्स की जीत हुई।
बीजावत ने आगे कहा, “अयोध्या में राम जन्मभूमि पर राम मंदिर आधुनिक वास्तुशिल्प चमत्कार से कहीं अधिक है। यह दुनिया भर के सभी भारतीयों की आस्था का प्रतीक है। यह भारत की वास्तविक पहचान और धरती पर सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक के फिर से उभरने का प्रतीक है। हम विश्व स्तर पर प्रसिद्ध कई परियोजनाओं, जैसे कि वेम्बली स्टेडियम, अटलांटिस – द पाम, बुर्ज खलीफा, बुर्ज अल अरब, ग्रैंड हयात वाशिंगटन और हीथ्रो और दुबई जैसे प्रतिष्ठित हवाई अड्डों का हिस्सा रहे हैं। राम मंदिर परिसर का हिस्सा बनने के इस अवसर के साथ, हम अपने प्रदर्शन में एक और अमूल्य और अतुलनीय उपलब्धि जोड़ने में सफल रहे हैं। हम 22 जनवरी को मंदिर के भव्य उद्घाटन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।”
आरएके सेरामिक्स वैश्विक स्तर पर एक सबसे बड़ा सिरेमिक ब्रांड है, जिसकी क्षमता सालाना 118 मिलियन वर्ग मीटर टाइल्स, 5.7 मिलियन सैनिटरीवेयर उत्पाद, 26 मिलियन चीनी मिट्टी के टेबलवेयर और 2.6 मिलियन नल का उत्पादन करने की है। इसके संयुक्त अरब अमीरात, भारत, बांग्लादेश और यूरोप में अत्याधुनिक विनिर्माण संयंत्र हैं। कंपनी निकट भविष्य में और भी कई रोमांचक परियोजनायें और अन्य महत्वपूर्ण सहयोग करने की तैयारी में है।

મોરારી બાપુએ માનસ સાગર કથામાં લક્ષદ્વીપમાં પ્રવાસન વિકસાવવા સરકારના પ્રયાસોને સમર્થન આપ્યું
ભારત, 12 જાન્યુઆરી, 2024: ભારતના પ્રધાનમંત્રી નરેન્દ્ર મોદીની આ મહિને લક્ષદ્વીપની સત્તાવાર મુલાકાત બાદ રાજદ્વારી તોફાન સર્જાયું છે. નરેન્દ્ર મોદીના સોશિયલ મીડિયા પર શેર કરવામાં આવેલી મનોહર તસવીરો કે જેમાં શાંત દરિયાકિનારા અને પાણીની અંદરના સાહસો દર્શાવવામાં આવ્યા હતાં. તેનો હેતુ લક્ષદ્વીપના કુદરતી સૌંદર્યને દર્શાવવા માટે હતો. જોકે, આ પોસ્ટથી અજાણતાં જ માલદીવ્સ સાથે વિવાદ સર્જાયો તેમજ સોશિયલ મીડિયા ઉપર યુદ્ધ શરૂ થઇ ગયું, જે રાજદ્વારી વિવાદમાં તબદીલ થઇ ગયું.
માલદીવના યુવા સશક્તિકરણ, માહિતી અને કલાના નાયબ મંત્રી મરિયમ શિઉના અને તેમના સમકક્ષો દ્વારા અશોભનીય ટિપ્પણીઓ કરવામાં આવી છે. જોકે, હાલમાં કાઢી નાખવામાં આવેલી પોસ્ટમાં, શિઉનાએ માત્ર મોદીની નિંદા કરી નથી પરંતુ અપમાનજનક તુલના પણ કરી હતી, જેમાં ભારતને ગાયના છાણ સાથે સરખાવવાનો સમાવેશ થાય છે.
માલદીવ સરકારે ત્વરિત કાર્યવાહી કરી અને ભડકાઉ ટિપ્પણીઓથી પોતાને દૂર રાખ્યા તેમજ અપમાનજનક ટિપ્પણી કરનાર મંત્રીઓને સસ્પેન્ડ કર્યા હતાં. સરકારે એક નિવેદનમાં સ્પષ્ટતા કરી કે ટિપ્પણીઓ વ્યક્તિગત મંતવ્યો છે અને તે સત્તાવાર નિવેદનનું પ્રતિનિધિત્વ કરતી નથી. આ ઘટના સોશિયલ મીડિયાના યુગમાં રાજદ્વારી સંબંધોના નાજુક પ્રકૃતિને ઉજાગર કરે છે.
મહત્વપૂર્ણ છે કે આ વિવાદ રામાયણના પ્રચારક પૂજ્ય મોરારી બાપુની દૂરદર્શિતાને પ્રકાશમાં લાવે છે, જેમણે લગભગ બે વર્ષ અગાઉ 22 જાન્યુઆરીથી 30 જાન્યુઆરી, 2022 દરમિયાન લક્ષદ્વીપમાં ‘માનસ સાગર’ કથાનું આયોજન કર્યું હતું. આ કથાનું નામ ‘માનસ સાગર’ હતું. જેમાં તેમણે માત્ર આધ્યાત્મિક ઉપદેશો જ આપ્યા નથી, પરંતુ ભારતના ટાપુ પ્રદેશમાં પ્રવાસન વધારવાની પણ હિમાયત કરી હતી. આ કાર્યક્રમે ઘણાં લોકોને આકર્ષ્યા હતા તથા મોરારી બાપુએ સખત કોવિડ-19 પ્રોટોકોલનું પાલન કરીને 26 જાન્યુઆરી, 2022ના રોજ 73માં પ્રજાસત્તાક દિવસે રાષ્ટ્રધ્વજ ફરકાવ્યો હતો.
તિરંગાના મહત્વને પ્રતિબિંબિત કરતા મોરારી બાપુએ ભારપૂર્વક જણાવ્યું હતું કે, “આપણા ધ્વજનો કેસરી રંગ સત્યનું પ્રતીક છે, સફેદ શુદ્ધ પ્રેમનું પ્રતીક છે અને લીલો રંગ કરુણાનું પ્રતીક છે. આ પવિત્ર દિવસે દરેક ભારતીયને મારી શુભકામનાઓ. વિશ્વના દરેક ભાગમાં આપણો ધ્વજ હંમેશા ગૌરવ સાથે લહેરાતો રહે.”
મોરારી બાપુના ઉપદેશોએ હંમેશા રાષ્ટ્રો વચ્ચે એકતા અને સમજણ પર ભાર મૂક્યો છે. લક્ષદ્વીપમાં તેમની કથા, ‘માનસ સાગર’ એ પ્રદેશની સાંસ્કૃતિક સમૃદ્ધિ અને ભારતીયો માટે તેમના પોતાના વૈવિધ્યસભર વારસાને શોધવાની જરૂરિયાતનો પુરાવો હતો.
લક્ષદ્વીપમાં પ્રવાસન વધારવા માટે મોરારી બાપુની અગાઉની હાકલ પ્રધાનમંત્રી મોદીની મુલાકાતની આસપાસના વર્તમાન વિવાદમાં વધારાનું મહત્વ ધરાવે છે. તણાવપૂર્ણ રાજદ્વારી સંબંધોના સંદર્ભમાં સાંસ્કૃતિક વિનિમય અને સમજણ માટેની તેમની દ્રષ્ટિ વધુ સુસંગત બને છે.
પરિસ્થિતિની જટિલતામાં ઉમેરો કરતાં તાજેતરના મીડિયા અહેવાલો દર્શાવે છે કે માલદીવમાં પ્રવાસન ભારત પર ભારે આધાર રાખે છે. વર્ષ 2023માં ભારતીય પ્રવાસીઓ દ્વારા 2,09,000થી વધુ ટ્રીપ કરવામાં આવી હતી, જે તેના પર્યટન માર્કેટનો 11 ટકા છે. માલદીવના અધિકારીઓ દ્વારા કરવામાં આવેલી અપમાનજનક ટિપ્પણીઓએ ભારતીય રજાઓ માણનારાઓ તરફથી સખત પ્રતિસાદ આપ્યો છે, જેમાંથી કેટલાકએ તેમની નારાજગી વ્યક્ત કરવા માટે સોશિયલ મીડિયાનો સહારો લીધો છે. હેશટેગ #BoycottMaldives રદ થયેલી ટ્રિપ્સના સ્ક્રીનશૉટ્સ ઓનલાઇન પ્રસારિત થતાં ટ્રેન્ડ થયો.
ભારતીયોની એકતા દર્શાવતાં બોલિવૂડ અભિનેતાઓથી લઈને ક્રિકેટ ખેલાડીઓ સુધીની ભારતીય સેલિબ્રિટીઓએ તેમના ચાહકોને સ્થાનિક સ્થળોની મુલાકાત લેવા વિનંતી કરી છે. આ સોશિયલ મીડિયા ઝુંબેશએ દ્વીપસમૂહની વેકેશન મુલાકાતોમાં અચાનક રસ જગાડ્યો છે, જે પ્રવાસીઓની પસંદગીઓને દિશા આપવામાં લોકોના અભિપ્રાયની શક્તિ દર્શાવે છે.

મલ્ટી લેવલ ટેરેસ ગાર્ડન સાથે 4 bhk આલીશાન બંગલો તમારા સપનાના ઘરને કરે છે સાકાર
સુરત: વર્ષ 1985માં યુનિયન રિયલ્ટીની શરૂઆત થઈ ત્યારથી, યુનિયન રિયલ્ટીએ શહેરના પોશ વિસ્તારોને આવરી લેતા ભદ્ર રેસિડેન્શિયલ, કોમર્શિયલ અને લક્ઝરી પ્રોજેક્ટ્સ દ્વારા વૈભવી અને શ્રેષ્ઠતાની દુનિયા બનાવવાનો પ્રયાસ કર્યો છે. અમારા ગ્રાહકો માટે પ્રોપર્ટી બનાવતી વખતે બે દાયકાથી વધુ સમયથી રિયલ એસ્ટેટમાં અમારી હાજરીએ અમને એક પ્રતિષ્ઠિત અને વિશ્વસનીય રિયલ્ટી કંપની બનવા માટે બેન્ચમાર્ક સેટ કરવામાં મદદ કરી છે.
જીવનમાં દરેક વ્યક્તિનું એક સપનું હોય છે કે તેનું પોતાનું એક ઘર હોય અને આ ઘર પોતે જોયેલા સપના મુજબનું હોય, ત્યારે તમારા સપનાના આ ઘરને સાકાર થતું જોવા માટે હવે તમારે વધુ દૂર જવાની જરૂર નથી. બારડોલી ખાતે અર્બન વીલેજ આ માટેનું ઉત્તમ વિકલ્પ છે. જ્યાં લકઝરીયસ બંગલો સાથે જ મળતી એનીમીટીસ એ શ્રેષ્ઠ કક્ષાની છે.
અર્બન વીલેજના નિર્માતા યુનિયન ગ્રુપના ડાયરેક્ટર સુનીલ જયંતીલાલ શાહે જણાવ્યું હતું કે અર્બન વીલેજ એ સુંદર પ્રોજેક્ટ છે જ્યાં ગામડામાં શહેરની સુવિધાઓ પુરી પાડવામાં આવી રહી છે. મલ્ટી લેવલ ટેરેસ ગાર્ડન સાથેના 4bhk બંગલા આપણા અને આપના પરિવારની દરેક જરૂરિયાતોને ધ્યાનમાં રાખીને બનવામાં આવી રહ્યા છે. ખાસ બાબતએ છે પ્રોજેક્ટની અંદર જ એક વિશાળ ક્લબ હાઉસ સાથે જ નવ જેટલા ગેસ્ટ રૂમ પણ બનવામાં આવી રહ્યા છે. જેથી કોઈના ઘરે કોઈ પ્રસંગ હોય ત્યારે ગેસ્ટ ને રોકાણ માટેની પણ અનુકૂળતા મળી રહે. સાથે જ જાણીતા આર્કિટેક્ટ ઈશ્વર ગેહી દ્વારા બંગલાઓ ની ડીઝાઈન તૈયાર કરવામાં આવી છે. ત્યારે એક વખત આ અર્બન વીલેજની મુલાકાત લેવાનું નહીં ભૂલતા. કારણ કે અહીંની મુલાકાત એક શ્રેષ્ઠ રહેઠાણ માટેની શ્રેષ્ઠ જગ્યા કેવી હોવી જોઈએ એની અનુભૂતિ કરાવશે. સાથે જ મુલાકાતીઓ માટે આકર્ષક સરપ્રાઈઝ પણ છે. આજરોજ આ પ્રોજેક્ટ હેઠળ બનવામાં આવેલા સેમ્પલ બંગલાનું મનીષાબેન સુનીલ શાહના હસ્તે ઉદ્ઘાટન કરવામાં આવ્યું હતું. આ પ્રસંગે મુખ્ય અતિથિ તરીકે પૂર્વ કેબિનેટ મંત્રી અને ધારાસભ્ય ઈશ્વરભાઈ પરમાર, બારડોલી સુગર ફેક્ટરી ના વાઇસ પ્રેસિડેન્ટ ભાવેશભાઈ પટેલ, દીપકભાઈ પટેલ, સરદાર અને સમીર ભાઈ પટેલ (યુએસએ) ઉપસ્થિત રહ્યા હતા.
આ પ્રસંગે પ્રોજેક્ટના ભાગીદાર જીગરભાઈ શાહે જણાવ્યું હતું કે આજે વ્યક્તિનું જીવન શહેર ની ભીડભાડ, પ્રદૂષણ અને તણાવ થી ભરેલું છે. ત્યારે વ્યક્તિ જ્યારે આખો દિવસ કાર્યભાર મૂકી ને સાંજે ઘરે આવે ત્યારે તેને શાંત અને કુદરતી વાતાવરણની જરૂર હોય છે અને અર્બન વીલેજ વ્યક્તિની આ જરૂરિયાતને પૂરી કરે છે. ત્યારે આજના સમયમાં આ પ્રકારના વધુ માં વધુ પ્રોજેક્ટની જરૂર છે.
ચાલો સુખી જીવનના આનંદને અનબોક્સ કરીએ અર્બન વિલેજ ની સાથે.

સુરતની Vijay Dairyને ખાદ્ય ખોરાક 2023માં Best Innovative Display નો એવોર્ડ આપવામાં આવ્યો
સુરત ની વિજય ડેરીને ખાદ્ય ખોરાક 2023 માં Best Innovative Display નો એવોર્ડ મળ્યો
સુરત ની Vijay Dairy એ ગાંધીનગરના હેલીપેડ એક્સઝીબેશન ગ્રાઉન્ડ ખાતે તારીખ 17 ડિસેમ્બર થી 20 ડિસેમ્બર દરમિયાન થયેલ ખાદ્ય ખોરાક 2023 માં પ્રથમ વખત ભાગ લીધો હતો, જેમાં વિજય ડેરી ને ખાદ્ય ખોરાકના આયોજકો તરફ થી Best Innovative Display નો એવોર્ડ આપવામાં આવ્યો હતો.
વિજય ડેરીની મીઠાઈઓ, નમકીન અને ઘી ના પેકેજિંગ બધાથી અલગ અને નવીતમ હતા. જેણે લોકોને આશ્ચર્યચકિત કરી મુક્યા હતા. મુલાકાતીઓ ઘી ના પેકેજિંગથી ઘણા આકર્ષાયા હતા. વિજય ડેરીના ઘી પેકેજિંગ ની ખાસિયત એ હતી કે ઘી ને PET જારમાં પ્રદર્શિત કરવામાં આવ્યું હતું. PET જારનો અનોખો આકાર અને ખાસ રંગ લોકોનું ધ્યાન ખેંચવામાં સફળ રહ્યો હતો. વિજય ડેરીની આ તમામ ડીઝાઈનની ટ્રેડમાર્ક અને કોપીરાઇટ નોંધણી થયેલ છે.
ખાદ્ય ખોરાક 2023 માં વિજય ડેરી એ 7 પ્રકાર ના નમકીન પણ પ્રદર્શિત કાર્ય હતા. તમામ નમકીન 170 ગ્રામ, 400 ગ્રામના પાઉચમાં ઉપલબ્ધ હતા. નમકીન ના પેકેજિંગ માટે પણ બીજાથી અલગ તરી આવ્યા હતા.
વિજય ડેરીની મીઠાઈઓના પેકેજિંગે પણ સૌનું ધ્યાન ખેંચ્યું હતું. મીઠાઈઓની નવીનતમ પેકેજિંગે લોકોને ચોંકાવી દીધા હતા.એમની મીઠાઈનું પેકેજિંગ MAP ( મોડીફાઈટ એટમોસ્ફેરિક પેકેજ ) પદ્ધતિથી કરે છે. આ ટેકનોલોજીના ઉપયોગથી મીઠાઈની સેલ્ફ લાઈફ 20 દિવસથી વધુની થઈ જતી હોય છે.આ ટેકનોલોજીનો પેકેજિંગમાં ઉપયોગ એમને અલગ તારવતો હતો.સૌના આકર્ષણના કેન્દ્ર બન્યો હતો.
ખાદ્ય ખોરાક 2023 માં વિજય ડેરીએ બીજી ઘણી પ્રોડક્ટ્સ ડિસ્પ્લે કરી હતી જેમાં દૂધ, છાસ, દહીં, લસ્સી કપ, કોલ્ડ કોકો કપ અને પનીરનો સમાવેશ થતો હતો. દરેક પ્રોડક્ટ્સનું પેકેજિંગ અજોડ અને નવીનતમ હતું. જે બજારની રેગ્યુલર પેકેજિગથી અલગ તારવતું હતું. આ દરેક પ્રોડક્ટ્સની પેકેજિંગ અને રજુઆતમાં વિજય ડેરીએ બાજી મારી હતી. વિજય ડેરી ખાદ્ય ખોરાક 2023 માં લોકોનું ધ્યાન ખેંચવામાં સફળ રહી હતી. વિજય ડેરી ખાદ્ય ખોરાક 2023 માં લોકોનું આકર્ષણનું કેન્દ્ર બની હતી અને Best Innovative Display નો એવોર્ડ મેળવવમાં સફળતા મેળવી હતી. જે વિજય ડેરી માટે ગર્વની બાબત કહી શકાય.

શ્રીયમ પાવર એન્ડ સ્ટીલ ઇન્ડસ્ટ્રીઝ ગાંધીધામને નેશનલ એનર્જી કન્ઝર્વેશન એવોર્ડ -૨૦૨૩ એનાયત થયો
નેશનલ સ્ટીલ ટીએમટી બાર્સના ઉત્પાદન માટે અગ્રણી સ્ટીલ બાર નિર્માતા શ્રીયમ પાવર એન્ડ સ્ટીલ ઇન્ડસ્ટ્રીઝ લિમિટેડ (SPSIL)ને નેશનલ એનર્જી કન્ઝર્વેશન એવોર્ડ -૨૦૨૩ એનાયત કરવામાં આવ્યો છે.
દેશમાં ઉર્જા સંરક્ષણના અનુકરણીય પ્રયાસોને માન્યતા આપવા માટે દર વર્ષે નેશનલ એનર્જી કન્ઝર્વેશન ડે પર નેશનલ એનર્જી કન્ઝર્વેશન એવોર્ડ એનાયત કરવામાં આવે છે. શ્રીયમ પાવર એન્ડ સ્ટીલ ઇન્ડસ્ટ્રીઝને ગૌણ સ્ટીલ ક્ષેત્રમાં પુરસ્કાર માટે પસંદ કરવામાં આવી હતી અને પ્રતિષ્ઠિત પુરસ્કાર પ્રાપ્તકર્તાઓમાં એ એકમાત્ર સ્ટીલ ઉત્પાદક કંપની હતી.
ભારતના માનનીય રાષ્ટ્રપતિ શ્રીમતી દ્રૌપદી મુર્મુએ રાષ્ટ્રીય ઉર્જા સંરક્ષણ દિવસ નિમિત્તે નવી દિલ્હીમાં શ્રીયમ પાવર એન્ડ સ્ટીલ ઇન્ડસ્ટ્રીઝના મેનેજિંગ ડિરેક્ટર શ્રી દેવેશ ખંડેલવાલને એવોર્ડ અર્પણ કર્યો હતો. આ પુરસ્કાર સમારંભમાં કેન્દ્રીય પાવર અને રીન્યુએબલ એનર્જી મંત્રી શ્રી આર.કે. સિંહ અને પાવર એન્ડ હેવી ઇન્ડસ્ટ્રી રાજ્ય મંત્રી શ્રી કૃષ્ણ પાલ પણ ઉપસ્થિત રહ્યા હતા.
આ અંગે વાત કરતા શ્રી ખંડેલવાલે જણાવ્યું કે, “માનનીય રાષ્ટ્રપતિ શ્રીમતી દ્રૌપદી મુર્મુના હસ્તે નેશનલ એનર્જી કન્ઝર્વેશન એવોર્ડ પ્રાપ્ત કરીને અમે સન્માનિત થયા છીએ. આ પુરસ્કાર સસ્ટેનેબલ પ્રેક્ટિસ અને એનર્જી કન્ઝર્વેશન માટેની અમારી પ્રતિબદ્ધતાની માન્યતારૂપ છે. હું આ માન્યતા માટે ભારત સરકારનો આભાર માનું છું અને આ નોંધપાત્ર સિદ્ધિ માટે શ્રીયમ પાવર એન્ડ સ્ટીલ ઇન્ડસ્ટ્રીઝ ની સમગ્ર ટીમને અભિનંદન આપું છું.
નેશનલ એનર્જી કન્ઝર્વેશન એવોર્ડ્સ, કેન્દ્રીય ઉર્જા મંત્રાલય હેઠળ કાર્યરત બ્યુરો ઓફ એનર્જી એફિશિયન્સી દ્વારા રજૂ કરવામાં આવે છે અને ઊર્જા કાર્યક્ષમતા અને તેના સંરક્ષણને પ્રોત્સાહન આપે છે. આ એવોર્ડ માટે 21 સેક્ટરમાં પાંચ કેટેગરીમાં કુલ 516 અરજીઓ મળી હતી.
અત્રે નોંધનીય છે કે શ્રીયમ પાવર એન્ડ સ્ટીલ ઇન્ડસ્ટ્રીઝ ને તાજેતરમાં તેના નેશનલ સ્ટીલ TMT બાર માટે ગુજરાતની પ્રથમ ગ્રીન પ્રો સર્ટિફાઇડ કંપની તરીકે માન્યતા આપવામાં આવી હતી. CII-ગ્રીન પ્રોડક્ટ્સ એન્ડ સર્વિસિસ કાઉન્સિલ દ્વારા આપવામાં આવેલ પ્રમાણપત્રએ તેની પ્રોડક્ટ ગુણવત્તામાં ઉચ્ચતમ પર્યાવરણીય ધોરણોને પૂર્ણ કરવા માટે રાષ્ટ્રીય TMT પરત્વેના સમર્પણની પુષ્ટિ કરી છે.

અઠવાડિયા બાદ પણ નિરાકરણ નહીં આવતા ઔદ્યોગિક-લેબર કોર્ટના વકીલો કામકાજથી અળગા
સુરતઃ ઔદ્યોગિક અદાલત તથા મજૂર અદાલત નંબર-2માં વકીલો સાથે થઈ રહેલી ગેરવર્તણૂક અને હેરાનગતિથી સામે સુરત લેબર લોઝ પ્રેક્ટિશનર્સ એસોસિએશનને આંદોલન શરૂ કર્યું છે. એસોસિયેશનના નેજા હેઠળ તમામ લેબર લો પ્રેક્ટિશનર્સ દ્વારા 12 એપ્રિલથી બંને કોર્ટો ના કામકાજથી અળગા રહીને વિરોધ કરવામાં આવી રહ્યો છે. જે હજી પણ યથાવત છે.
આ અંગે એસોસિયેશનના પ્રમુખ એડવોકેટ નિમિષ પટેલના જણાવ્યા મુજબ કોર્ટમાં ધીમી કામગીરી ચાલી રહી અને જુબાની, ઉલટ તપાસ માટે વકીલોને પૂરતી તક આપવાને બદલે ન્યાયાધીશ પોતાની મરજી મુજબ જુબાની,ઉલટ તપાસ માટે આગ્રહ રાખવામાં આવે છે.વકીલોને એક કોર્ટમાં સાંજ સુધી બેસાડી રાખી બીજી કોર્ટની કામગીરીમાં જવા દેવામાં આવતાં નથી ત્યારે આવા વર્તનથી વકીલો હેરાન પરેશાન થઈ રહ્યા હોવાથી આ મુદ્દે એસોસિએશને દસ મુદ્દાઓ સાથે ગુજરાત હાઈકૉર્ટનાં ચીફ જસ્ટિસ, હાઇકોર્ટનાં રજીસ્ટ્રાર,યુનિટ જજ હાઇકોર્ટ અને પ્રમુખ ઔદ્યોગિક અદાલતને ફરિયાદ કરવા સાથે જ જ્યારે સુધી વકીલોની સમસ્યાનું નિરાકરણ નહીં આવે ત્યાર સુધી આ બંને કોર્ટની કામગીરીનો અચોક્ક્સ મુદત સુધી બહિષ્કાર કરવાનું એલાન આપવામાં આવ્યું છે. 12 એપ્રિલ થી લેબર લો પ્રેક્ટીશનર દ્વારા આંદોલન ચાલવામાં આવી રહ્યું છે, જોકે હજી સુધી કોઈ નીરકરણ આવ્યું નથી ત્યારે આગામી દિવસોમાં વકીલો આ બે કોર્ટના કામકાજથી અળગા રહેશે એવું ઘોષણા આજરોજ એસોસિયેશનના પ્રમુખ દ્વારા કરવામાં આવી છે.

સ્મીમેર હોસ્પિટલ માં મુલાકાતે આવતાં દર્દીઓ અને મુલાકાતીઓ પાસેથી અઘઘ 104 કિલો પાન માવા ગુટખાનો જથ્થો જપ્ત કરાયો
સુરત. સુરત મહાનગર પાલિકા સંચાલિત સ્મિમેર હોસ્પિટલ ખાતે દર્દીઓ અને તેમના સગાવ્હાલાઓ પાસેથી તંત્ર દ્વારા 104 કિલો જેટલો ગુટખા તમાકુનો જથ્થો કબ્જે કર્યો હતો. તો પાર્કિંગ વ્યવસ્થિત ન કરનારાઓ સામે પણ દંડાત્મક કાર્યવાહી કરાઈ હતી.
સુરત મહાનગર પાલિકા સંચાલિત સ્મિમેર હોસ્પિટલ 1100થી વધારે બેડ સાથે કાર્રત છે. જ્યાં રોજીંદા 2500થી વધુ દર્દીઓ સારવાર માટે આવે છે. અને 900 જેટલા દર્દીઓ ઈન્ડોર સારવાર લે છે. ત્યારે સ્મમેર હોસ્પિટલમાં સારવાર માટે આવતા દર્દીઓના સગા વ્હાલાઓ તેમને મળવા આવતા હોય જેઓ તમાકુ, ગુટખા સહિત લઈ આવતા હતા જેઓ પાસેથી સ્મિમેર હોસ્પિટલના સ્ટાફે ગેટ પર ચકાસણી કરતાં 104 કિલો જેટલો ગુટખાનો જથ્થો જપ્ત કર્યો હતો. વધુમાં સ્મિમેર હોસ્પિટલમાં નિર્ધારીત કરાયેલા પાર્કિંગ લોકેશન પર ગાડી પાર્ક ન કરવાના કારણે સારવાર લેવા આવતા દર્દીઓ, કર્મચારીઓ તેમજ શબવાહિની અને એમ્બ્યુલન્સની અવર જવરમાં મુશ્કેલીઓ ઉપસ્થિત થતી હોય છે જેને લઈ પાર્કિંગ બાબતે સ્પેશ્યલ ચેકિંગ હાથ ધરી નિર્ધારત જગ્યા પર પાર્કિંગ ન કરવા બદલ ફેબ્રુઆરી મહિનાથી આજદિન સુધી 46 હજાર 600 રૂપિયા દંડ પેસે વહીવટી ચાર્જ વસુલ કરાયો હતો.